संत - समाज
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उनकी जल्दी रिहाई हो...
बापूजी अध्यात्म के उच्चतम शिखर पर पहुँचे हुए हैं, उच्च कोटि के महापुरुष हैं, सिद्धपुरुष हैं यह मेरी स्वयं की अनुभूति है। मुझे बहुत दुःख है कि बापूजी अब भी जेल में हैं । उनकी जल्दी रिहाई हो ।
स्वामी शिवानंदजी - पद्मश्री विभूषित 127 वर्षीय योगगुरु

उनको कारागार में रखना अनुचित है...
मेरा आँखों देखा है कि पूज्य बापूजी के सत्संग में अटलजी आये थे, बापूजी ने उनके सिर पर हाथ रखा था और अटलजी उसी बार प्रधानमंत्री हुए थे। बापूजी सिद्ध संत हैं, अवतारी पुरुष हैं । वे वर्तमान स्थिति में जिस आयुवर्ग में हैं उस दृष्टि से भी उनको कारागार में रखना अनुचित है। जैसी भी त्वरित कार्यवाही हो सके, वर्तमान सरकार को विचार करके दृढ़तापूर्वक निर्णय लेकर उन्हें कारागार से अविलम्ब मुक्त करना चाहिए ।
श्री अवधेशजी गुप्ता - वि.हि.प. के गौरक्षा विभाग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

ऐसे संत के लिए ऐसा-वैसा सोचना गलत होगा...
बापूजी के सत्संग से करोड़ों-करोड़ों साधकों का जीवन बदला है तो यह कोई मजाक नहीं है। मैंने देखा है ऐसे कई जवानों को जो बापूजी का सत्संग सुन के, उनकी किताबें पढ़कर अपने जीवन को निखार रहे हैं तो ऐसे संत के लिए ऐसा-वैसा सोचना गलत होगा। हम सब बापूजी के ऋण से कभी उऋण नहीं हो सकते ।
कृपारामजी महाराज - कथा-प्रवक्ता, जोधपुर

सनातन धर्म को संकट में लाया गया है...
बापूजी जैसे महान संत के कारण ही भारत आज 'भारत' है। आशारामजी बापू जैसे योगी महापुरुष के चरित्र पर लांछन लगाकर उनको संकट में नहीं लाया गया है बल्कि भारतीय संस्कृति को, भारतीय जीवन-पद्धति को, सनातन धर्म को संकट में लाया गया है। बापू जेल के अंदर नहीं हैं, हमारे कुल, धर्म, राष्ट्र की सुरक्षा की रक्षा प्रणाली अंदर है। बापूजी कारावास में नहीं हैं, आपकी संस्कृति, धरोहर, आपके पुरखों की पुण्याई की रक्षा करनेवाले एक कवच-कुंडल को कारावास में डालकर आपको देश में कवचरहित बना के खड़ा किया गया है तो आप कैसे बचेंगे? आशारामजी बापू की लड़ाई बापू की है ही नहीं, उनको छुड़वाना उनका काम नहीं है, हमारे कुल का दायित्व है।
धनंजय देसाई - हिन्दू राष्ट्र सेना के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष

अब इतना जुल्म मत ढाओ...
बहुत हो गया है, अब इतना जुल्म मत ढाओ। यह देखो कि उन महापुरुष ने कितने लोगों का जीवन बचाया, कितने लोगों का व्यसन छुड़ाया । जिन बापूजी की आप बात कर रहे हैं उन्होंने देश के लिए, धर्म के लिए, मनुष्यता के लिए कितना बड़ा काम किया है! उनके केस में कोई ठोस प्रमाण भी नहीं मिले हैं। जब-जब संत-महापुरुषों को प्रताड़ित किया गया है तब-तब उसके परिणाम विपरीत हुए हैं।
आचार्य कौशिक जी महाराज - पुराण मनीषी.. कथा प्रवक्ता

बहुत हो चुका अत्याचार...
आशारामजी को अब छोड़ देना चाहिए, बहुत हो चुका, अब अत्याचार नहीं होना चाहिए। मैं यह संदेश प्रधानमंत्री तक पहुँचाऊँगा।
स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी - पद्म विभूषण जगदगुरु रामानंदाचार्य

निरपराधियों को भी दंड मिलता है...
समाज में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो प्रतिष्ठा, पद, पैसे कमाने के चक्कर में साधु-संतों का इस्तेमाल करते हैं। आशारामजी बापू एक अलग ही व्यक्तित्व हैं और मैं उनके बारे में जानता हूँ और पढ़ा भी है। आशारामजी बापू पर आरोप है पर वे आरोपी नहीं हैं। इस देश में निरपराधियों को भी दंड मिलता है।
श्री सूर्यसागरजी महाराज - जैन दिगम्बर प्रमुख

दोष लगाने के लिए कोई-न-कोई सहारा चाहिए...
संत आशारामजी बापू के प्रति जनता में बहुत भारी श्रद्धा है। अतः दोष लगाने के लिए षड्यंत्रकारियों को कोई-न-कोई सहारा चाहिए। इसलिए इस प्रकार से सहारा लेकर उन्होंने चारित्रिक दोष की कल्पना की है लेकिन आशारामजी बापू महात्मा हैं। उन्होंने समाज की बहुत सेवा की है, राष्ट्र का कार्य किया है और उनके सभी कार्य प्रशंसनीय हैं।
श्री नृत्यगोपालदासजी - श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष

बापूजी के विरुद्ध बड़ा षड्यंत्र हुआ है...
संत श्री आशारामजी बापू नहीं होते तो जो वनवासी क्षेत्र हैं वहाँ के वासी सनातनी नहीं बचते, सब ईसाई हो गये होते। यह न्यायपालिका को, सत्ता को क्यों नहीं दिखता कि जिनके कारण लाखों नहीं, करोड़ों लोग साधना के मार्ग पर चल पड़े, उनके लिए अकल्पनीय, मस्तिष्क में न उतर सके ऐसा षड्यंत्र इस देश में हुआ है और अब तो सब स्वीकार करने लगे हैं, बड़े-बड़े लोग, न्यायाधीश, बुद्धिजीवी वर्ग... कि ये बापूजी के विरुद्ध बड़ा षड्यंत्र हुआ है।
प्रफुल्लभाई शुक्ल - भागवत कथाकार

यह हिन्दुओं को सोचना चाहिए...
साधु-संतों को जितना अंग्रेजी हुकूमत में प्रताड़ित नहीं किया गया उतना आजाद भारत में प्रताड़ित किया गया है। आशारामजी बापू जैसे हिन्दू धर्मगुरुओं को तो जेल भेज दिया गया... अगर है हिम्मत तो दूसरे धर्मगुरुओं को जेल भेजकर दिखाओ ! एक ओर केरल में नन के साथ 13 बार बलात्कार के आरोपी ईसाई धर्मगुरु के लिए 25 दिन में जमानत के आदेश जारी हो जाते हैं पर सनातन धर्म के संतों को जमानत नहीं मिल रही है, इसे क्या समझा जाय ? यह हिन्दू राज्य, रामराज्य की संकल्पना के विरुद्ध है, इसे रोका जाना चाहिए ।
श्री देवकीनंदन ठाकुर जी - सुप्रसिद्ध कथाकार