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तुलसी पूजन दिवस
29 December 2024
षड्यंत्र के तहत फँसा के जेल भेजे जाने के बावजूद संत श्री आशारामजी बापू ने समाज को अपनी संस्कृति की तरफ मोड़ने का पुनीत कार्य छोड़ा नहीं। वर्ष 2014 में इन संतप्रवर ने 25 दिसम्बर को 'तुलसी पूजन दिवस' मनाने का आवाहन करते हुए इस नये त्यौहार का उद्घोष कर दिया। इसके बाद देश-विदेश में विभिन्न स्थानों, स्कूलों, कॉलेजों, घरों, मंदिरों व सार्वजनिक स्थलों पर 25 दिसम्बर को 'तुलसी पूजन दिवस' मनाया जाने लगा।
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तुलसी पूजन दिवस
18 December 2024
षड्यंत्र के तहत फँसा के जेल भेजे जाने के बावजूद संत श्री आशारामजी बापू ने समाज को अपनी संस्कृति की तरफ मोड़ने का पुनीत कार्य छोड़ा नहीं। वर्ष 2014 में इन संतप्रवर ने 25 दिसम्बर को 'तुलसी पूजन दिवस'...

मातृ-पितृ पूजन दिवस
18 December 2024
सच्चरित्रता व 'मातृदेवो भव। पितृदेवो भव ।' ये हमारी संस्कृति के प्रमुख सिद्धांतों में से हैं लेकिन देश में बढ़ती जा रही वृद्धाश्रमों की संख्या एवं वेलेंटाइन डे द्वारा हो रहा युवा वर्ग का...

धर्मांतरण से टक्कर व घरवापसी
16 December 2024
बापूजी का सहारा व मार्गदर्शन पाकर ईसाइयत में धर्मांतरित लाखों हिन्दुओं ने पुनः अपना हिन्दू धर्म अपना लिया व बापू के सत्संग से करोड़ों हिन्दुओं की अपने धर्म के प्रति आस्था और दृढ़ हो गयी। इसके कारण धर्मांतरण पर रोक लगी।

दरिद्रनारायणों की सेवा ‘भजन करो, भोजन करो, पैसे पाओ’ योजना
18 December 2024
धर्मांतरण के केन्द्रबिंदु आदिवासी, वनवासी, अभावग्रस्त इलाकों में आश्रम द्वारा गरीबों, अनाश्रितों एवं विधवाओं को राशन कार्ड दिये गये हैं। इनके माध्यम से उन्हें हर माह अनाज व जीवनोपयोगी वस्तुएँ निःशुल्क प्राप्त होती हैं। 'भजन करो, भोजन करो, दक्षिणा पाओ' योजना के तहत प्रतिदिन भगवन्नाम जप, सत्संग, कीर्तन करवाकर भोजन एवं 50 से 70 रुपये तक की नकद राशि दी जाती है।

नैसर्गिक आपदाओं में सहायता
18 December 2024
जिन आपदा-प्रभावित क्षेत्रों में मीडिया का कैमरा तक नहीं पहुँचता वहाँ बापूजी का मार्गदर्शन पाकर आश्रम के साधकगण पहुँच जाते हैं आपदाग्रस्त लोगों की मदद के लिए और उनको आवश्यक सहायता, सामग्री प्रदान करते हैं।

आश्रम व श्री योग वेदांत सेवा समिति द्वारा विभिन्न जन-कल्याण सेवाएँ
16 December 2024
सार्वजनिक स्थलों पर निःशुल्क शीतल पलाश शरबत व छाछ वितरण एवं जल प्याऊ सेवा के साथ- साथ वातावरण एवं वैचारिक शुद्धि हेतु वैदिक मंत्रों द्वारा हवन-यज्ञ एवं विभिन्न क्षेत्रों में भगवन्नाम संकीर्तन यात्राओं एवं प्रभातफेरियों का आयोजन आदि भी किया जाता है।